The Ultimate Guide To Shodashi

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कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका

बिंदु त्रिकोणव सुकोण दशारयुग्म् मन्वस्त्रनागदल संयुत षोडशारम्।

सानन्दं ध्यानयोगाद्विसगुणसद्दशी दृश्यते चित्तमध्ये ।

संहर्त्री सर्वभासां विलयनसमये स्वात्मनि स्वप्रकाशा

सा नित्यं मामकीने हृदयसरसिजे वासमङ्गीकरोतु ॥१४॥

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

षट्पुण्डरीकनिलयां षडाननसुतामिमाम् ।

The Devi Mahatmyam, a sacred text, specifics her valiant fights in a number of mythological narratives. These battles are allegorical, symbolizing the spiritual ascent from ignorance to enlightenment, With all the Goddess serving since the embodiment of supreme expertise and ability.

नाना-मन्त्र-रहस्य-विद्भिरखिलैरन्वासितं योगिभिः

लक्ष्मी-वाग-गजादिभिः कर-लसत्-पाशासि-घण्टादिभिः

कालहृल्लोहलोल्लोहकलानाशनकारिणीम् ॥२॥

, variety, during which she sits atop Shivas lap joined in union. Her features are unrestricted, expressed by her 5 Shivas.  The throne upon which she sits has as its legs the five kinds of Shiva, the famed Pancha Brahmas

It is usually found that wisdom and prosperity never remain together. But Sadhana of Tripur Sundari offers both of those and likewise removes ailment along with other ailments. He never goes underneath poverty and gets click here fearless (Shodashi Mahavidya). He enjoys many of the worldly pleasure and receives salvation.

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